Unclaimed Deposit: बैंक में जमा रकम कब कहलाती है अनक्लेम्ड और क्या है इसे क्लेम करने का तरीका?
10 सालों या इससे ज्यादा समय तक अगर बैंक में जमा रकम से किसी तरह का लेन-देन न किया जाए तो उसे लावारिस राशि मान लिया जाता है. जानिए बैंक इस राशि का क्या करते हैं और अगर लावारिस राशि को क्लेम करना हो तो क्या तरीका है.
बैंक में जमा रकम का 10 सालों या इससे ज्यादा समय तक कोई लेन-देन न किया जाए, तो वो अनक्लेम्ड राशि कहलाती है. इसमें करंट-सेविंग्स अकाउंट के साथ आरडी और फिक्स्ड डिपॉजिट वगैरह शामिल है. आमतौर पर अनक्लेम्ड अमाउंट की दो बड़ी वजह होती हैं- पहली ये कि कई बार लोग जिन बचत या चालू खातों को चलाना नहीं चाहते उन्हें भी बंद नहीं करते और उसे गैर-संचालित ही छोड़ देते हैं. ऐसे में उसमें से कोई लेन-देन नहीं किया जाता और रकम अकाउंट में पड़ी रहती है.
दूसरा कारण है कि एफडी, आरडी या किसी अन्य स्कीम को शुरू कराने के बाद अकाउंटहोल्डर की किसी कारणवश मौत हो जाए, उनका कोई नॉमिनी न हो और न ही कोई उत्तराधिकारी हो. ऐसे में जमा रकम कुछ सालों बाद अनक्लेम्ड मान ली जाती है. आइए आपको बताते हैं कि इस अनक्लेम्ड अमाउंट का बैंक क्या करते हैं और अगर इस रकम को क्लेम करना हो, तो क्या किया जाए.
अनक्लेम्ड रकम का क्या होता है?
10 साल या इससे ज्यादा समय तक अगर किसी रकम को क्लेम नहीं किया जाता है तो इस रकम को डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में ट्रांसफर कर दिया जाता है. जहां इसे सरकारी प्रतिभूतियों जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है. केंद्रीय बैंक ने साल 2014 में डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड स्कीम शुरू करने की घोषणा की थी. लावारिस जमा धन उचित दावेदारों को वापस करने में ये फंड महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. रिजर्व बैंक DEAF की देखरेख करता है. DEAF में जाने के बाद भी खाताधारक अपना पैसा वहां से निकाल सकते हैं.
UDGAM के जरिए हो जाएगा काम
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अनक्लेम्ड राशि को वापस लेने का काम आप उद्मग (UDGAM) पोर्टल के जरिए कर सकते हैं. आरबीआई ने इसके जरिए अनक्लेम्ड फंड्स को ढूंढने और उन पर दावे की प्रक्रिया को और आसान कर दिया है. इसके लिए सबसे पहले आपको उद्मम पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करना होगा.
इस तरह करें खुद को रजिस्टर
- सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट https://udgam.rbi.org.in/ पर जाएं.
- यहां पर Register पर क्लिक करें.
- मांगी गई सारी जानकारी ठीक से दर्ज करें.
- एक पासवर्ड सेट करें और कैप्चा कोड भरे.
- आपके फोन पर आए ओटीपी को दर्ज करें.
- एक बार रजिस्टर होने के बाद फिर UDGAM पोर्टल पर लॉगिन करें.
- खाताधारक का नाम डालें और सूची में से बैंक चुनें.
- खाताधारक का पैन, वोटर आईडी, लाइसेंस या पासपोर्ट नंबर दर्ज करें.
- इसके बाद सर्च का बटन क्लिक करें.
- अगर आपके नाम पर कोई अनक्लेम्ड डिपॉजिट है तो स्क्रीन पर दिख जाएगा.
खाताधारक की मृत्यु होने और रजिस्टर्ड नॉमिनी न होने पर क्या करें
अगर खाताधारक की मृत्यु हो गई हो और कोई रजिस्टर्ड नॉमिनी न हो या फिर रजिस्टर्ड नॉमिनी की भी मृत्यु हो जाए तो परिवार का उत्तराधिकारी अनक्लेम्ड रकम के बारे में पता कर सकता है और उसके लिए क्लेम कर सकता है. लेकिन ऐसे में उसे सक्सेशन सर्टिफिकेट और नोटराइज्ड डेथ सर्टिफिकेट देना होगा.
10:00 AM IST